टीएसएच पहुंचे वर्ल्ड कप विजेता पीयूष चावला, बोले – ‘कानपुर के खिलाड़ियों में दिखता है जुनून और काबिलियत’

 

 

  • राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग फैसिलिटी और 75 वंचित बच्चों को मुफ्त प्रशिक्षण देने की सोच को बताया प्रेरणादायक
  • स्पिन लीजेंड ने मैदान पर दी तकनीकी सलाह, बोले – सपना बड़ा हो, मेहनत ईमानदार हो तो मंज़िल ज़रूर मिलेगी

 

कानपुर, 19 जून।

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर और 2011 वर्ल्ड कप विजेता पीयूष चावला गुरुवार को आर्य नगर स्थित ‘द स्पोर्ट्स हब’ (TSH) पहुंचे और यहां क्रिकेट समर कैंप के पहले दिन खिलाड़ियों के साथ समय बिताया। उन्होंने युवा क्रिकेटरों को तकनीक, अनुशासन और मानसिक संतुलन से जुड़ी अहम बातें बताईं और मैदान पर कई प्रैक्टिकल टिप्स भी दिए।

“कानपुर में है टैलेंट, चाहिए बस सही दिशा” – चावला

पीयूष चावला ने बातचीत में कहा, “कानपुर के खिलाड़ियों में जुनून और मेहनत का जज्बा है। ज़रूरत है तो बस उन्हें सही कोचिंग, अनुशासन और अवसर देने की।” उन्होंने कहा कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के लिए खिलाड़ियों को खेल को समझना, हर छोटी गलती को सुधारना और मैदान पर अधिक समय देना चाहिए।

गेंदबाज़ी एक्शन से लेकर माइंडसेट तक दी गहराई से सीख

प्रशिक्षण सत्र के दौरान चावला ने गेंदबाज़ी एक्शन, रन-अप और लाइन-लेंथ, मानसिक संतुलन और मैच प्रेशर जैसे पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और खिलाड़ियों के सवालों का उत्साहपूर्वक जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि “जो खिलाड़ी सपने बड़े देखते हैं और मेहनत पूरी ईमानदारी से करते हैं, उन्हें शहर की सीमाएं रोक नहीं सकतीं।”

75 अल्प आय वर्ग के बच्चों को फ्री ट्रेनिंग को बताया ‘सच्ची खेल भावना’

चावला ने TSH द्वारा 75 वंचित बच्चों को नि:शुल्क पेशेवर प्रशिक्षण देने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह वास्तविक खेल भावना का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “TSH की फैसिलिटी राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और यहां का माहौल बच्चों को निखारने के लिए आदर्श है।”

अगले दो दिन मैदान पर रहेंगे चावला, फिर कोचिंग संभालेंगे शशिकांत और आमिर

प्रशिक्षण का यह सिलसिला अगले दो दिन तक और चलेगा, जिसमें पीयूष चावला खुद मैदान पर खिलाड़ियों को तकनीकी प्रशिक्षण देंगे। इसके पश्चात मुख्य कोच शशिकांत खांडेकर और पूर्व रणजी खिलाड़ी मोहम्मद आमिर प्रशिक्षण सत्र की जिम्मेदारी संभालेंगे। गुरुवार को हुए इस सत्र के बाद न केवल खिलाड़ी बल्कि उनके अभिभावकों में भी उत्साह देखा गया।

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