KANPUR, 27 September: बिठूर स्वतंत्रता आंदोलन और धार्मिक भावनाओं का अति महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। नाना बाजीराव पेशवा की कर्मस्थली, रानी लक्ष्मीबाई के बचपन की यादें, तात्या राव टोपे के बलिदान की गूंजती कहानी, मां गंगा को समेटे ब्रह्मखूंटी, वाल्मीकि आश्रम, सीता रसोई, मां पीतांबरा पीठ, सुधांशु आश्रम जैसे अनगिनत ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल आपको खींचते है बिठूर की धरती पर।
विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग की अधिकारी डॉ अर्जिता ओझा के निर्देशन में स्कूली बच्चों ने नानाराव स्मारक पहुंच कर स्वतंत्रता आंदोलन की कही अनकही बातों को अपने अंदर महसूस किया। कानपुर ने कितने नाम बदले,सिक्कों का इतिहास, अनेक तरह की बंदूकें,महत्वपूर्ण दस्तावेजों की फोटो देखकर विस्मित रह गए।मां पीतांबरा पीठ,सुधांशु आश्रम,इस्कॉन मंदिर में आस्था को अपने ह्रदय से जोड़ा। इसके पहले फूलबाग स्थित पर्यटन ऑफिस से दीप्ति कनौजिया ने हरी झंडी दिखाकर पर्यटक बस को रवाना किया। नोडल प्रभारी सर्वेश तिवारी,पर्यटन विभाग से देव राज सिंह और अभिषेक मिश्रा के नेतृत्व में बच्चों ने भ्रमण का आनंद लेने के साथ ज्ञानार्जन किया।