युद्धवीर पर बरस सकती है कृपा, बीसीसीआई में यूपीसीए के प्रतिनिधि के रूप में मिल सकता है मौका

 

 

बीसीसीआई में यूपीसीए के प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद की आशंका, राजीव शुक्ला अपने सबसे करीबी को दे सकते हैं अपना दायित्व 

कानपुर। यूपीसीए में बदलते वक्त के साथ सत्ता के चेहरे भले बदल गए हों, लेकिन इसकी कमान आज भी पुराने हाथों में है। पर्दे के पीछे रहते हुए यूपीसीए के निदेशक राजीव शुक्ला की इजाजत के बिना संघ में पत्ता तक नहीं हिलता। बीसीसीआई में अब तक यूपीसीए का प्रतिनिधित्व करते आ रहे राजीव शुक्ला अब अपनी जगह अपने किसी खास को यह जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। इसमें सबसे ऊपर नाम युद्धवीर सिंह का है। लोढा की सिफारिशों के लागू होने के बाद राजीव शुक्ला ने पहले युद्धवीर को अपनी जगह यूपीसीए की कमान सौंपी थी तो अब आगामी 24 दिसम्बर को जब वह बोर्ड में अपने 9 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं तो कयासों का दौर शुरू हो गया है। यूपीसीए के प्रतिनिधि के तौर पर कई नाम उभरकर सामने आ रहे हैं, लेकिन राजीव शुक्ला ने संकेत दे दिए हैं कि उनका नायब कौन होगा। राजीव शुक्ला अभी से ही अपने करीबी नायब को बोर्ड की हर गतिविधि में शामिल करवाने के लिए अपने साथ लेकर घूमते नजर आ रहे हैं। वह हाल ही अपने साथ युद्धवीर सिंह को पहले श्रींलंका और फिर पाकिस्तान में एशिया कप के मैचों के दौरान भी लेकर गए थे।

नुमाइंदगी को लेकर हो सकता है विवाद
अटकलों का बाजार गर्म है कि इस बार की वा‍र्षिक आम सभा में नुमाईन्दगी को लेकर थोडा विवाद हो सकता है। वहीं 25 सितम्बर से पहले होने वाली वार्षिक आम सभा में इस बात का ऐलान भी किया जा सकता है कि अब कौन से शख्स बीसीसीआई जाकर संघ की ओर से नुमाईन्दगी करेगा। यूपीसीए में बीते कई सालों से विवादों को नया जन्म दे दिया है। साल 2005 से सत्ता पर काबिज संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला ने अपने सबसे करीबी मेरठ के युद्धवीर सिंह को अपना नायब बना डाला। इसका विरोध कई पदाधिकारियों ने किया लेकिन सहयोग न मिलने पर सबको चुप करवा दिया गया। किसी को जमीन के मुददे पर घेरकर तो किसी को अच्छे पद का लालच देकर। साल 2019 में लोढा समिति की सिफरिशों पर अमल होने की प्रक्रिया के बाद राजीव शुक्ला को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा। यही नही साल 2021 के अन्त में उन्हे निदेशक पद से भी इस्तीफा देना मजबूरी हो गया था। इसके बावजूद उनका प्रभुत्व संघ पर कम नही रहा और अपने इशारों पर वह कार्मिकों को अंगुलियों पर नचाते रहे।

एजीएम में हो सकती है घोषणा
एक बात और है कि राजीव शुक्ला ने यूपीसीए के अध्यक्ष निधिपति सिंहानियां को यूपीसीए की ओर से नुमाईन्दगी के लिए मौखिक रूप से स्वीकृति दे रखी है। इन गतिविधियों को देखकर ऐसा प्रतीत तो नही होता दिखायी दे रहा है कि यूपीसीए के अध्यक्ष को बोर्ड में संघ की ओर से नुमाईन्दगी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यूपीसीए के सूत्रों से पता चला है की हाल में हुई निदेशकों एवं एपेक्स काउंसिल की वर्चुअल बैठक में आगामी 25 सितंबर को बीसीसीआई की एजीएम में युद्धवीर सिंह का नाम पास करा कर भेज दिया गया है। यूपीसीए की एजीएम में घोषणा मात्र की जाएगी। यूपीसीए के पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि इस बार की एजीएम में युद्धवीर सिंह के नाम का एलान कर दिया जाए। हालांकि इस बारे में कुछ भी प्रमाणिकता के साथ कहना ठीक नही होगा। उन्होंने कहा कि कुछ और भी काबिल लोग है संघ में उनको भी मौका दिया जाना चाहिए।

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