यूपीसीए को ढूढ़े नहीं मिल रहीं महिला अंपायर्स

 

  • यूपीसीए की खुली पोलः कमला क्लब में चल रही अंपायर कार्यशाला में 118 पुरुष अंपायर्स की तुलना में सिर्फ एक महिला अंपायर ले रही प्रशिक्षण

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की और से कमला क्लब में अंपायर कार्यशाला चल रही है। इसमें उप्र के विभिन्न जिलों से 119 अंपायर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अंपायर अमीश साहेबा से प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। कार्यशाला का उद्देश्य जिलों से प्रतिभावान अंपायर को प्रशिक्षित कर उनको प्रदेशस्तरीय और राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है। हालांकि इस कार्यशाला में सिर्फ एक महिला अंपायर प्रशिक्षण ले रही है। कानपुर के साथ आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा और प्रदेश के कई शहरों से महिला अंपायर का प्रतिनिधित्व शून्य है।

महिला क्रिकेट में भारतीय टीम में खेलने वाले सबसे ज्यादा नाम उप्र से रहे हैं। यूपीसीए लंबे समय से महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कैंप, फिटनेस शिविर, मैच और ट्रायल का आयोजन कर बेटियों को आगे बढ़ाता है, परंतु कमला क्लब में आयोजित प्रदेशस्तरीय कार्यशाला सिर्फ एक महिला अंपायर के शामिल होने से महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने वाली यूपीसीए के बड़े-बड़े दावों पर सवाल उठ रहे हैं। कार्यशाला में शामिल होने के लिए उम्र के सात शहरों से महिला खिलाड़ियों ने आवेदन किया था, परंतु उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए गए। ऐसे में मैनपुरी की एक महिला अंपायर दीक्षा यादव ही कार्यशाला का हिस्सा बन सकीं। इसी प्रकार ग्रीनपार्क में आयोजित स्कोरिंग कार्यशाला में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व शून्य है। एसोसिएशन से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई महिला अंपायर के नाम शुल्क की प्रक्रिया में खामी के कारण शामिल नहीं किए गए।

डिस्ट्रिक एसोसिएशन ने नहीं दिखाई रुचि

यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि डिस्ट्रिक एसोसिएशन से महिला अंपायर के नाम मांगे गए थे। वहां से रुचि नहीं दिखाई गई, इसीलिए ऐसा हुआ है। यह चिंता की बात है। यूपीसीए महिलाओं को क्रिकेट में भागीदार बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं दिखने को मिलेगी।

साभार: अंकुश शुक्ल (दैनिक जागरण)

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