- इकाना प्रबंधन के बिल की यूपीसीए ने गुपचुप तरीके से विशेषज्ञों से करायी जांच, सच्चाई सामने आने पर दोनों के बीच हो सकती है अनबन
कानपुर। साल 2017 में निर्मित लखनऊ के इकाना स्टेडियम की पिच को लेकर मची किच किच के बाद संघ और स्टेडियम प्रबन्धन ने ने इन पिचो को दुरुस्त तो करवा दिया, लेकिन माना जा रहा है कि इस कार्य में लगभग 1 करोड़ रुपए का खर्च आया। इसके बाद ही विवाद शुरू हो गया है। इस खर्च की गयी धनराशि को लेकर इकाना प्रबन्धन और उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के बीच गहरी रार बढने के आसार दिखायी दे रहे हैं। इकाना प्रबन्धन ने पिच निर्माण को लेकर जो खर्च बताया उसे यूपीसीए पचा नही पा रहा है। इस पर दोनों पक्ष आपस में टकरा सकते हैं।
यूपीसीए के सूत्रों के मुताबिक इकाना प्रबन्धन की ओर से जिस धनराशि को खर्च करने की रसीद संघ को भेजी गयी है वह उसे काम कम और खर्च अधिक पाने की बात कर उसकी जांच गुपचुप तरीके से करवा रहा है। माना यह जा रहा है कि विकेटो का निर्माण से ताल्लुक रखने वाले विशेषज्ञों के राय के बाद ही इकाना प्रबन्धन को संघ की ओर से भुगतान किया जाएगा। इसके लिए संघ के सीईओ अंकित चटर्जी, वित्त विभाग के उपाध्यक्ष सुजीत श्रीवास्तव ने संघ के विशेषज्ञ को मैच से पहले ही विकेट निर्माण में आयी लागत को परखने के लिए गुपचुप तरीके से इकाना बुलवाया। सूत्र सह भी बताते हैं कि विशेषज्ञ के पास उनका वैद्म प्रवेश पत्र तों नही था, उसको भी आधे घन्टे के भीतर ही बनवाया गया और उन्हे कानपुर से लखनऊ जाना पडा। उन्होंने मैच से पहले ही विकेटों के निर्माण को सही तरीके से परखने के बाद अपनी रिपोर्ट सीईओ और वित्तीय उपाध्यक्ष को सौंप दी। सूत्रों के मुताबिक इकाना ने 9 विकेटों के स्क्वायर का खर्च लगभग 1 करोड रुपए दर्शाया है जबकि विशेषज्ञ की राय में वह लगभग 40 से 60 लाख के बजट तक ही पहुंच पा रहा है। गौरतलब है कि इसी वर्ष के प्रारम्भ में 29 जनवरी को भारत-न्यूजीलैंड टी-20 मैच में तो 99 और 100 रनों की पारी वाले मैच का रिकार्ड ही बना था। जिसपर भारतीय टीम के कप्ता्न हार्दिक पाण्डया ने इसे क्रूर पिच की उपाधि से नवाज दिया था। इस मुकाबले में दोनों टीमों की ओर से एक भी छक्का नहीं लग पाया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने पूरा स्क्वायर बनाने का फैसला किया था जिसके लिए पूरे स्क्वायर से करीब एक फीट तक मिट्टी हटाए जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन विशेषज्ञ के अनुसार केवल 6 इंच तक पर ही कार्य किया गया है। इस बारे में कानपुर से इकाना गए विशेषज्ञ से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि बुलवाया गया था लेकिन पिच पर बोलने से मना कर दिया।