फिजियोथेरेपी न केवल इलाज का माध्यम, बल्कि एक जीवनशैलीः स्टेनली ब्राउन

 

  • वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे: चोट और आरएसआई (रिपीटेटिव स्ट्रेस इंजरी) पर फिजियोथेरेपी का महत्व

कानपुर, 8 सितंबर। वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पर कानपुर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट के सचिव और फिजियो स्टेनली ब्राउन ने रिपीटेटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह दिन फिजियोथेरेपी पेशे की भूमिका और इसके प्रभाव को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। फिजियोथेरेपी न केवल इलाज का एक माध्यम है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हमें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। इस वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पर, हम सबको अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और फिजियोथेरेपी के लाभों को पहचानने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर, उन्होंने खिलाड़ियों की चोट और रिपीटेटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) के उपचार में फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बात की। 

चोट खेल और दैनिक जीवन का हिस्सा

उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन और खेल गतिविधियों के दौरान चोट लगना आम बात है। मांसपेशियों का खिंचाव, लिगामेंट का फटना, या हड्डियों का टूटना जैसी समस्याएं सामान्य हैं। फिजियोथेरेपी इन चोटों के उपचार और पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फिजियोथेरेपिस्ट व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार उपचार योजना तैयार करते हैं, जो मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन, और संतुलन को पुनः प्राप्त करने में मदद करती है।

आरएसआई: आधुनिक जीवनशैली की चुनौती

उन्होंने बताया कि रिपीटेटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) एक ऐसी स्थिति है जो बार-बार एक ही प्रकार की गतिविधि करने से होती है। इसमें हाथ, कंधे, गर्दन, और पीठ में दर्द या चोट हो सकती है, जो आमतौर पर कंप्यूटर का लगातार उपयोग, मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग, या अन्य प्रकार के निरंतर शारीरिक कार्यों से होती है। आरएसआई के लक्षणों में दर्द, सूजन, और गति की सीमितता शामिल हो सकते हैं।

फिजियोथेरेपी का आरएसआई में उपचार

फिजियोथेरेपी आरएसआई के उपचार में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। उपचार में मुख्य रूप से प्रभावित क्षेत्र की मांसपेशियों और जोड़ों को आराम देना, खिंचाव और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, और सही पॉस्चर का प्रशिक्षण शामिल होता है। साथ ही, कार्यस्थल पर सही एर्गोनॉमिक्स का पालन करना और शरीर को आराम देने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेना भी आवश्यक होता है। फिजियोथेरेपी न केवल दर्द को कम करने में मदद करती है, बल्कि दीर्घकालिक सुधार के लिए शरीर की संरचना और कार्यक्षमता को बहाल करने में भी सहायक होती है। इसके माध्यम से रोगियों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और भविष्य में चोटों के जोखिम को कम किया जा सकता है। वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे का अवसर हमें फिजियोथेरेपी के महत्व को समझने और इसके लाभों को जनसाधारण तक पहुंचाने का अवसर देता है। चोट और आरएसआई जैसी समस्याओं में फिजियोथेरेपी के प्रभावी उपचार से मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है और उन्हें सक्रिय और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।

 

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