अन्याय के खिलाफ अब उठने लगी हैं आवाजे, खिलाडियों को राहत की आस

 

  • चयन में धांधली को लेकर वाराणसी के एक खिलाड़ी ने साक्ष्यों के साथ यूपीसीए एवं बीसीसीआई को भेजी अपनी शिकायत 
  • यूपीसीए अध्यक्ष ने ऐसे प्लेयर्स से मांगे थे प्रमाण समेत शिकायती पत्र
  • यूपी टीम के चयन में हर बार क्रिकेटरों के ओवरएज को लेकर होता था घमासान

कानपुर। अन्याय के शिकार हुए क्रिकेटर अब खुलकर सामने आने लगे हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी ने साक्ष्यों के साथ उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) एवं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अपनी शिकायत भेजी है। हर बार यूपी की किसी भी एज ग्रुप की टीम चयन में इस तरह का मामला हमेशा सुर्खियों में रहता रहा है। इस तरह के अन्याय के शिकार हुए खिलाड़ी और उनके अभिभावक थोड़े बहुत प्रयासों के बाद शांत हो जाते थे, पर अब लगता है कि ऐसे खिलाड़ियों की भी आवाज सुनी जाएगी।

वाराणसी के रहने वाले एक खिलाड़ी वर्ष 2022 एवं 23 में अंडर-16 क्रिकेट टीम में चयन के लिए ट्रॉयल दिया था, लेकिन वाराणसी में हुए मेडिकल में वह अंडर एज निकला। वहीं नोएडा में हुए मेडिकल टेस्ट में उसे ओवरएज करार दे दिया गया। खिलाड़ी का दावा है कि अक्तुबर 2023 में उसकी उम्र 15 वर्ष 8 माह ही थी। जब उसने 2022 में ट्रॉयल दिया था तब उसकी उम्र 14 वर्ष 7 माह थी। मेडिकल में ओवरएज करार दिए जाने पर उसने इस संबंध में यूपीसीए के सिद्धार्थ को उनके मोबाइल नंबर अपने आयु संबंधी सभी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में उसने अंडर-14 टीम के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। वाराणसी में हुए मेडिकल टेस्ट में उसकी उम्र सही पाई गई। हालांकि वह अंडर-14 टीम के अंतिम चयन में पिछड़ गया। अब सवाल उठता है कि अगर खिलाड़ी वर्ष 21 में अंडर-14 टीम के लिए उसकी उम्र सही थी तो महज एक साल बाद वह अंडर-16 टीम के लिए ओवरएज कैसे हो सकता है। यह तो मेडिकल करने वाले या यूपीसीए में इससे जुड़े लोग ही सही बता सकते हैं।

यूपीसीए अध्यक्ष निधिपति सिंघानिया के संज्ञान खिलाड़ियों के साथ हो रहे अन्याय के मामलों की जानकारी हुई तो उन्होंने ऐसे खिलाड़ियों से साक्ष्यों के साथ उनकी शिकायतें मांगी है। उत्तम केसरवानी की माने तो उन्हें इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने बकायदा अपना मोबाइल एवं ई-मेल आईडी देकर खिलाड़ियों से शिकायतें मांगी है। उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनका नाम गुप्त रखा जाएगा और जांच कराकर उन्हें न्याय दिलाने का कार्य किया जाएगा।

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