भारतीय क्रिकेट टीम तीन वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी व निर्णायक मैच में ऑस्ट्रेलिया से 21 रनों से हार गई। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से सीरीज पर कब्जा भी कर लिया। कंगारू टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 269 रन बनाए थे, जवाब में भारतीय टीम महज 248 रनों पर सिमट गई। भारत की गेंदबाजी तो शानदार रही, लेकिन बल्लेबाजी खराब रही। इस हार ने भारत को कई सबक भी दिए, तब जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटी है। निश्चित तौर पर भारत को इस हार से सीखना होगा। तो आइए जानते हैं कि भारतीय टीम की हार के क्या कारण रहे और भारत को किन चीजों से सबक लेना होगा।
इस वजह से हारी टीम इंडिया
1. सूर्यकुमार यादव का नहीं चलनाः भारतीय क्रिकेट टीम के तीसरे मैच व सीरीज हारने का भी एक बड़ा कारण सूर्यकुमार यादव रहे। सूर्यकुमार एक बार फिर गोल्डन डक का शिकार हो गए हैं। यानी कि वह पहली ही गेंद पर आउट होकर पवेलियन चले गए। 29वें ओवर की पहली गेंद पर विराट कोहली (54) को स्पिनर एश्टन एगर ने शिकार बनाया। फिर जैसे ही मैदान पर सूर्यकुमार आए तो पहली गेंद का सामना करते ही बोल्ड हो गए। इससे पहले हुए 2 मैचों में भी वह गोल्डन डक का शिकार हुए। यानी कि सूर्यकुमार का सीरीज में 1 भी रन ना आना टीम के लिए हार का बड़ा कारण रहा।
2. बल्ले से असफल अक्षर पटेलः शार्दुल ठाकुर को पहला मैच दिया गया था, लेकिन वह उस मैच में सिर्फ 2 ओवर ही फेंक पाए थे। बल्लेबाजी में भी मजबूती आए, इस कारण अक्षर पटेल को दूसरे मैच में उतरा गया। तब उन्होंने नाबाद 29 रन बनाए, लेकिन अन्य बल्लेबाज नहीं चले जिस कारण टीम वो मैच भी हार गई थी। वहीं तीसरे मैच में जब अक्षर को खुद को साबित करने का चांस मिला तो वह नहीं चल पाए। अक्षर पटेल को 5वें स्थान पर उतारा गया, पर वह 4 गेंदों में 2 रन बनाकर चलते बने।
3. एडम जांपा की फिरकीः भारतीय बल्लेबाज कंगारू स्पिनर एडम जांपा के सामने पस्त हो गए। जांपा ने 10 ओवर में 45 रन देकर 4 शिकार किए। उन्होंने शुभमन गिल (37), केएल राहुल (32), हार्दिक पांड्या (40) व रविंद्र जडेजा (18) का शिकार किया। जांपा ने उन बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में सफलता पाई जो क्रीज पर डटे हुए थे। जांपा की फिरकी का तोड़ ना निकाल पाना भी टीम की हार का एक मुख्य कारण रहा।
ये मिले सबक
1. लोअर ऑर्डर को भी करनी होगी बल्लेबाजीः भारतीय टीम के लोअर ऑर्डर ने इस मैच में यूं हथियार डाल दिए मानों वो नामुमकिन लक्ष्य का पीछा कर रहे हों। आज के दौर में दुनिया भर की टीमों में लोअर ऑर्डर के खिलाड़ी भी कम से कम 30 या 40 रन तो बनाते ही हैं। कुलदीप यादव, मो. सिराज जैसे गेंदबाज अपने हुनर में माहिर हैं, लेकिन उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करनी होगी। इस तरह के मुकाबलों में अगर वो कुछ रन भी बना सकें तो मैच में अंतर जरूर पैदा होगा।
2. ज्यादा प्रयोगों से बचना होगाः रोहित शर्मा ने इस मैच में एक के बाद एक कई प्रयोग किए, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने अक्षर पटेल को प्रमोट किया, लेकिन यह प्रयोग असफल रहा। सूर्यकुमार यादव को 7वें नंबर पर उतारने का निर्णय भी गलत साबित हुआ। इस तरह के निर्णायक मुकाबलों में रोहित को अत्यधिक प्रयोग से बचना होगा। यदि सूर्यकुमार यादव को पांचवें नंबर पर भेजा गया होता तो नतीजा कुछ और होता।
3. स्पिनर्स के सामने बल्लेबाजी करना सीखना होगाः इस पूरी सीरीज में एक बार साफ हो गई कि अगर विरोधी टीमों के पास अच्छा स्पिन अटैक हो तो भारतीय बल्लेबाजों को भी काबू में किया जा सकता है। स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की पोल खुल चुकी है। टेस्ट में नाथन ल्योन और वनडे में एडम जांपा के सामने वो संघर्ष करते नजर आए। वर्ल्ड कप से पहले भारत को इस कमजोरी पर नियंत्रण करना ही होगा।