चरित्र-संस्कार युक्त युवाओं से बनेगा सशक्त राष्ट्र

 

  • क्रीड़ा भारती प्रांतीय सम्मेलन में वक्ताओं ने संस्मरण सुनाकर लोगों में भरा जोश
  • क्रीड़ा भारती खेल-खेल में बच्चों एवं किशोरों में चरित्र एवं संस्कार का करती है निर्माण

KANPUR, 29 September: चरित्र और संस्कार के माध्यम से ही एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण संभव है। क्रीड़ा भारती इसी सिद्धांत पर काम कर रही है, जो बच्चों और किशोरों को खेलों के माध्यम से संस्कार और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देती है। ओंकारेश्वर विद्यालय में आयोजित क्रीड़ा भारती के प्रांत सम्मेलन में मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संघ संचालक माननीय भवानी भीख जी ने उद्घाटन करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि क्रीड़ा भारती का उद्देश्य केवल खेल और खिलाड़ियों का विकास नहीं, बल्कि उनके चरित्र और संस्कार को मजबूत बनाना है।

सम्मेलन में क्रीड़ा भारती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। विभाग संघ चालक माननीय डॉ. श्याम बाबू गुप्ता और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रदेश उपाध्यक्ष माननीय अजय शंकर दीक्षित ने इन प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

प्रेरणादायक संस्मरण ने जगाया जोश

अजय शंकर दीक्षित ने अपने संस्मरण सुनाते हुए बताया कि एक दशक पूर्व क्रीड़ा भारती के ‘आओ हम सब खेलें’ अभियान ने बच्चों में जय हिन्द कहने की आदत डाली, जो अब उनके संस्कार का हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने इस अभियान में रजत आदित्य दीक्षित की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। यह देखना सुखद है कि बच्चों में ये संस्कार आज भी जीवित हैं।

आने वाले कार्यक्रमों की जानकारी

रजत आदित्य दीक्षित ने आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए क्रीड़ा भारती के कार्य करने के तरीके पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन का संचालन और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की उपस्थिति

प्रांत मंत्री नीतू कटियार ने सम्मेलन का संचालन किया और पिछले वर्ष के क्रीड़ा भारती के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर प्रांत प्रचार प्रमुख वैभव ने खेल गीत गाकर सभी को प्रेरित किया।

सम्मेलन में क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा प्रमुख अशोक सिंह, अरुण दुबे, सुनील सिंह, सुलोचना जी, अरुण गुप्ता, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, अनंजय कटियार, विपिन सोनकर, सोनाली धनवानी, मनीषा, संतोष, कंचन और रीना गुप्ता जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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