- रामचरितमानस की शिक्षाओं पर केंद्रित प्रतियोगिताएं और कवि सम्मेलन रहे आकर्षण का केंद्र
30 जुलाई, कानपुर।
कानपुर स्थित जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में आज ‘तुलसी जयंती महोत्सव 2025’ का गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा अक्षरा संस्था, लखनऊ एवं विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से आयोजित किया गया।
मां सरस्वती एवं गोस्वामी तुलसीदास जी को किया गया नमन
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर पूजन, अर्चन और माल्यार्पण से हुआ। इसके पश्चात अतिथि कवियों एवं साहित्यकारों का सम्मान कर मंचीय कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
निबंध प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने दिखाई गहरी अंतर्दृष्टि
“रामचरितमानस में जीवनोपयोगी शिक्षाएं” विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में 70 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
पुरस्कार विजेता इस प्रकार हैं:
🥇 रिमशा सिंह – ₹1500
🥈 आदित्य यादव – ₹1000
🥉 पूर्वी अवस्थी – ₹700
सांत्वना पुरस्कार (₹500) – आराध्या शुक्ला, अंशिका द्विवेदी, रुद्रांश शुक्ला, नैनशी शर्मा, रुद्र कुमार गुप्ता
सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
संगोष्ठी में विचारकों ने किया तुलसी साहित्य का विवेचन
“तुलसीकृत साहित्य में मूल तत्व और उनकी वर्तमान प्रासंगिकता” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें कई प्रख्यात वक्ताओं ने भाग लिया।
डॉ. सुरेश अवस्थी: “तुलसीदास का साहित्य धार्मिक ही नहीं, अपितु जीवन का मार्गदर्शक है।”
डॉ. राधेश्याम मिश्र: “तुलसी साहित्य का गहराई से अध्ययन आज की जरूरत है।”
प्रो. सुनील मिश्र: “तुलसी साहित्य समाज की नैतिक गिरावट से उबरने की राह दिखाता है।”
डॉ. पवन मिश्र: “यह साहित्य नीति, दर्शन और मानव मूल्यों का अक्षय भंडार है।”
काव्य गोष्ठी में गूंजा ‘राम नाम’
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही ‘तुलसी के राम’ विषय पर आधारित कवि सम्मेलन जिसमें देशभर से आए कवियों ने काव्य पाठ किया:
शैलेन्द्र मधुर (प्रयागराज): “अपने मन मंदिर के स्वामी राम हैं…”
रोहित चौधरी (इटावा): “अवधपुरी में राजतिलक तो श्रीराम का ही होगा…”
जितेन्द्र जलज (प्रयाग): “तुलसी न होते तो कैसे राम को हम गा पाते…”
मुकेश श्रीवास्तव (कानपुर): “तुलसी के तारण भाव लिए…”
अतुल बाजपेई: “प्रभु राम हमारे नायक हैं…”
श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से पूरे माहौल को भावविभोर कर दिया।
संयोजक का धन्यवाद ज्ञापन और समापन
कार्यक्रम का समापन संयोजक डॉ. अतुल वाजपेई द्वारा सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, आयोजकों और दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हुआ।
विशिष्ट उपस्थिति
कार्यक्रम में विद्यालय प्राचार्य श्री अनिल कुमार त्रिपाठी, शिक्षकगण श्री विवेकानंद श्रीवास्तव, आशुतोष सत्यम झा, समस्त स्टाफ सदस्य, छात्र-छात्राएं एवं शहर के अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।