पार्क v/s गार्डेन, सिरीज 2ः बड़ों के स्वास्थ्य के लिए पिस रहा ‘बचपन’

 

खेल चौपाल अभियानः कोई लौटा दे मेरे वो पुराने पार्क

अशोक सिंह, कानपुर। कानपुर में अब बच्चों के खेलने लायक मैदानों का खासा अभाव हो गया है। इसके लिए जितने शासन-प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं उतने ही हम भी है। हम पार्कों में कब्जा होते देखते रहे। खेलने लायक मैदान पर कभी हरियाली के नाम पर और कभी सुन्दरता के नाम पर उसे बर्बाद होते हम लोग देखते रहे। खेलने की जिद लेकर कोई भी आगे नहीं आया और न ही इस संबंध में कोई आवाज उठाई। अब नतीजा सबके सामने हैं। शहर के किसी भी मोहल्ले में चले जाइए, आपको मैदानों पर बच्चे खेलते नजर नहीं आएंगे।

मैदान अनेक, कहानी वही एक 
आप किसी भी मोहल्ले में चले जाएं, खूबसूरत मैदानों का नजारा आपको देखने को मिल जाएगा। शायद ही आपको ऐसे खूबसूरत मैदानों पर कोई बच्चा खेलता नजर आ जाए। हां इन मैदानों पर सुबह शाम आपको यहां लोग टहलते या योगाभ्यास करते जरूर मिल जाएंगे। लोगों को स्वस्थ रहने के लिए यह सब करना जरूरी है, पर क्या हम सिर्फ अपने स्वस्थ की चिन्ता करें, बच्चों एवं किशोरों को भूल जाएं। अगर वे खेलेंगे नहीं तो उनका शारीरिक और बौद्धिक विकास कैसे होगा। यह बात शायद हम भूल गए हैं या उसे नजर अंदाज करने की कला सीख गए हैं। यही कारण हैं कि आजकल ज्यादातर बच्चे मैदानों की जगह मोबाइल पर ही व्यस्त नजर आते हैं। जो बच्चे मैदान पर खेलना चाहते हैं, उन्हें अब ढूंढ़ने से भी मैदान ही नहीं मिल रहे हैं। मौजूदा दौर में अभिभावक बच्चों को घर से ज्यादा दूर जाने नहीं देना चाहते हैं। घर के आसपास के मैदान अब खेलने लायक बचे ही नहीं है। यही कारण है खेल एकेडमियों का चलन अब बढ़ने लगा है। पर इसका बोझ हर बच्चा नहीं उठा सकता है। जो बच्चे पैसे वाले हैं वे तो एकेडमी में अपना शौक पूरा कर लेते हैं, लेकिन जिनके पास पैसा नहीं है। वे अपने मन को मारकर घर पर बैठे रह जाते हैं।

जुड़िए हमारे अभियान से…

  • आइये, हम सब मिलकर फिर से पार्कों के लिए आवाज उठाएं। जो पार्क अब भी खेलने लायक रह गए हैं। उन्हें कम से कम अब बचाने का प्रयास करें।
  • यह तभी संभव होगा जब हम सब मिलकर इसके लिए आवाज उठाएं। जो भी संभव हो वह प्रयास जरूर करें।
  • आपके अपने वेबपोर्टल खेल चौपाल पर पार्क बचाओ मुहिम की शुरुआत करते हैं। साथ ही आपको अपने शहर के एक-एक मैदान के खेल से जुड़े इतिहास से भी परिचय कराने का इरादा है। यह आपके सहयोग से ही संभव हो सकता है।
  • इस संबंध में आप लोग भी अपने घर के आस-पास जुड़े मैदानों की जानकारी हमें दें। खासकर 20-30 वर्ष या उससे भी पहले खेलों से जुड़ी जानकारी हमें उपलब्ध कराएं।
  • हमारा प्रयास होगा कि हम उसे आपके अपने वेब पोर्टल खेल चौपाल पर प्रकाशित करें।
  • हमें हमारे वॉट्सएप नंबर 9415363972 और 7355921738 पर अपने करीब के मैदान के बारे में जानकारी दीजिए, उसकी फोटो भेजिए।

Leave a Comment