- लोकपाल कार्यालय ने पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे पर उठाया बड़ा कदम
कानपुर, 10 नवंबर।
केन्द्र के लोकपाल कार्यालय ने राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला के खिलाफ दायर शिकायतों पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए अंतिम सुनवाई की तिथि घोषित कर दी है। छह सदस्यीय बेंच इस मामले की अंतिम सुनवाई 12 नवम्बर 2025 को करेगी।
शिकायतकर्ता के आरोप
शिकायतकर्ता प्रदीप सिंह ने लोकपाल कार्यालय में यह आरोप लगाया था कि राजीव शुक्ला ने अपने नामांकन पत्रों और हलफनामों में अलग-अलग जन्म-तिथियाँ दर्शाईं। यह कार्रवाई निर्वाचन प्रक्रिया को गुमराह करने और गलत जानकारी देने के दायरे में आती है।
लोकपाल की जांच और कार्रवाई
लोकपाल कार्यालय ने इस शिकायत को गंभीर मानते हुए संबंधित दस्तावेजों, नामांकन पत्रों और हलफनामों की विस्तृत जांच की। जांच में जन्म-तिथियों में स्पष्ट विरोधाभास पाया गया। इसके बाद अंतिम सुनवाई के लिए 12 नवम्बर की तिथि निर्धारित की गई है, जिसमें राजीव शुक्ला को स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है।
कानूनी प्रभाव और जवाबदेही
लोकपाल कार्यालय के अनुसार, अलग-अलग हलफनामों में विरोधाभासी जानकारी देना फर्जी हलफनामा प्रस्तुत करने की श्रेणी में आता है, जो कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह मामला इस बात का उदाहरण बनेगा कि संवैधानिक और उच्च पदों पर बैठे जनप्रतिनिधि भी अपने हलफनामों में दी गई जानकारी के लिए जवाबदेह हैं।
राजीव शुक्ला से इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की गई, किंतु उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।