- खराब प्रदर्शन के बावजूद अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी टीम में जगह, चयनकर्ताओं ने जताई नाराजगी
भूपेंद्र, कानपुर।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) की चयन प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में है। आगामी अंडर-23 कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी के लिए घोषित टीम में ऐसे खिलाड़ी को शामिल किया गया है, जिसने हाल ही में समाप्त हुई यूपीटी-20 लीग 2024 में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया था। खिलाड़ी की पहचान एक फ्रेंचाइज़ी मालिक के बेटे के रूप में होने से चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
12 मैच, मात्र 96 रन — फिर भी टीम में चयन
गौतमबुद्ध नगर के इस 20 वर्षीय बल्लेबाज ने यूपीटी-20 लीग 2024 में 12 मैचों में केवल 96 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर 24 रन रहा, जबकि आठ मैचों में वे 10 रन से कम पर आउट हुए और तीन बार शून्य पर पवेलियन लौटे। पूरे सीजन में उनका औसत 8.08 और स्ट्राइक रेट बेहद कमजोर रहा, बावजूद इसके उन्हें आगामी सीके नायडू ट्रॉफी के लिए उत्तर प्रदेश की टीम में जगह दी गई है।
चयन समिति में मतभेद और असहमति
प्रवीण कुमार की अध्यक्षता वाली चयन समिति के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर कहा “किसी खिलाड़ी का चयन मुख्य चयनकर्ता का अंतिम फैसला होता है, बाकी बैठक महज़ औपचारिकता बनकर रह जाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यूपीटी-20 लीग जैसे टूर्नामेंट खिलाड़ियों के चयन के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म होते हैं, लेकिन वास्तविक प्रदर्शन को दरकिनार कर दिया गया। एक अन्य चयनकर्ता ने चयन प्रक्रिया पर तंज कसते हुए कहा “हमें बस अपने वेतन की चिंता रहती है। बाकी चयन में क्या हो रहा है, उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं। यह पहली बार नहीं हुआ, बल्कि यह यूपी क्रिकेट में वर्षों पुरानी समस्या है।”
रणजी ट्रॉफी चयन पर भी उठे सवाल
चयनकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के घरेलू खिलाड़ियों की जगह बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्थानीय खिलाड़ियों को केवल नेट गेंदबाज तक सीमित कर दिया जाता है, जिससे उनकी प्रतिभा दब जाती है। इसके अलावा, माधव कौशिक को कप्तानी से हटाने पर भी सवाल उठाए गए। पिछले सीजन में 700 से अधिक रन बनाने के बावजूद उन्हें हटा दिया गया, जबकि दिल्ली के करण शर्मा को कप्तान बनाए रखा गया, जिनका प्रदर्शन “बेहद साधारण” रहा।
यूपीसीए सचिव बोले— जांच की जाएगी
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह अब अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में हैं और चयन प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि “अगर चयन में कोई गड़बड़ी हुई है, तो उसकी जांच कराई जाएगी।”