पूरे प्रदेश में ऑन ग्राउंड और सोशल मीडिया पर की जा रही खेलों की ब्रांडिंग
प्रदेश सरकार के कई विभाग मिलकर खेलों को सफल बनाने का करेंगे प्रयास
केआईयूजी के सफल आयोजन के जरिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर है सरकार की नजर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहली बार होने जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स को सफल बनाने के लिए योगी सरकार बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटी है। सरकार के सभी विभागों से तैयारियों में सहयोग लिया जा रहा है तो पूरे प्रदेश में इसके प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर पर कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश में खेलों को हर स्तर पर बढ़ावा दे रहे सीएम योगी की नजर इन गेम्स का सफल आयोजन करके राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी हासिल करने पर है। उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देने और पूरे देश से युवा प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए भारत सरकार की पहल खेलो इंडिया का एक हिस्सा है। यह आयोजन एक इंटर यूनिवर्सिटी मीट है जहां देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीट विभिन्न खेल आयोजनों में पदक के लिए जोर आजमाइश करते हैं।
खेलों की ब्रांडिंग पर जोर
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के प्रचार के लिए ब्रांडेड वाहनों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें लाउडस्पीकर से सभी चौराहों पर केआईयूजी 2022 का एंथम बजाया जाएगा। केआईयूजी 2022 के बारे में लोगों को जागरूक करने वाले होर्डिंग, प्लेकार्ड, लाउडस्पीकर के माध्यम से इन खेलों की ब्रांडिंग भी की जाएगी। लखनऊ और अन्य जिलों के सभी प्रमुख चौराहों पर भी बिग स्क्रीन लगाए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव खेल डॉ नवनीत सहगल ने आयोजन के दौरान दो अलग-अलग काउंटर बनाने के निर्देश दिए है, एक कॉफी-टेबल बुक के लिए और दूसरा ओडीओपी एक्सपो के लिए। यानी इसके माध्यम से प्रदेश के खेल उत्पादों समेत अन्य जिलों के प्रसिद्ध उत्पादों की मार्केटिंग की जाएगी।
सोशल मीडिया पर भी होगा प्रचार
सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब) और डिजिटल मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो) पर भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित करने का प्रयास होगा। इसमें क्विज और कांटेस्ट जैसे माध्यमों से पब्लिक को जोड़ने के प्रयास होंगे। केआईयूजी दूरदर्शन खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 के लिए आधिकारिक टेलीविजन भागीदार होगा, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी इसका प्रसारण होगा जिसका चयन जल्द किया जाएगा। भारतीय खेल प्राधिकरण की मीडिया टीम भी पूरे भारत में इस खेल आयोजन के प्रचार के लिए स्थानीय मीडिया के साथ सहयोग करेगी।
विभिन्न विभागों को दी गई जिम्मेदारी
प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय से गेम्स के आयोजन को तरजीह दी जा रही है। सभी को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर जिम्मेदारी दी गयी है। सुरक्षा और ट्रैफिक की जिम्मेदारी यूपी पुलिस के जिम्मे रहेगी, जबकि इलेक्ट्रिसिटी की समुचित व्यवस्था के लिए पावर कॉर्पोरेशन को जिम्मेदारी दी गई है। म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को वेन्यू और इसके आसपास सौंदर्यीकरण का जिम्मा मिला है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट को प्रदेश की प्रमुख साइट्स की ब्रांडिंग का काम करना है।
पहली बार यूपी को मिली है मेजबानी
यूपी ने पहले भी कई खेलों की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी की है। लेकिन यह पहला मौका है जब मल्टी स्पोर्ट्स वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी उत्तर प्रदेश को मिली है। यह आयोजन 2022 में होना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे 2023 तक स्थगित कर दिया गया था। पिछले दो संस्करणों की मेजबानी क्रमशः ओडिशा और बेंगलुरू द्वारा की गई थी। इस वर्ष इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा 200 यूनिवर्सिटीज के 4705 एथलीट प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, जबकि एक अतिरिक्त खेल (रोइंग) को इस संस्करण के लिए शामिल किया गया है।