कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन…

  खेलने कूदने के मैदान पर लगाई जा रही बगिया शहर के अधिकांश मैदान अब सिर्फ टहलने लायक पहले कोचिंग ने रोका खेल, अब मैदान ही नहीं बचे अशोक सिंह कानपुर। पड़ोस में रहने वाले एक मित्र एक दिन मेरे पास आए। वो अपने बेटे को किसी स्पोर्ट्स एक्टिविटी में इंगेज करना चाहते थे। उन्होंने … Read more