सुप्रीम कोर्ट ने यूपीसीए के पूर्व सचिव को लगाई फटकार

 

 

  • मेरठ कॉलेज में प्राचार्य नियुक्ति विवाद में मनोज रावत की नियुक्ति को सही ठहराया गया

 

भूपेंद्र, कानपुर।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह की प्राचार्य नियुक्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए उच्चाधिकारियों और प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अदालत ने मनोज रावत की नियुक्ति को सही ठहराते हुए युद्धवीर सिंह की दलीलों को खारिज कर दिया है।

मेरठ कॉलेज विवाद की पृष्ठभूमि

मेरठ विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एक कॉलेज में प्राचार्य पद पर नियुक्ति को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था। युद्धवीर सिंह ने नियुक्ति प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए वरिष्ठता सूची और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।उन्होंने दावा किया कि नियुक्ति “खुशपसंद” और नियमविरुद्ध तरीके से की गई थी, जिसमें योग्य वरिष्ठ शिक्षक को दरकिनार किया गया।

उच्च न्यायालय के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं मानी दलीलें

इस विवाद में युद्धवीर सिंह को पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर कोई सहानुभूति नहीं दिखाई। तीन से छह महीने तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने मनोज रावत की नियुक्ति नियमों के अनुरूप माना। इस तरह, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया में कानूनी आधार पर कोई त्रुटि नहीं पाई गई।

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