- सीतापुर के रितिक गुप्ता ने प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर उत्तर प्रदेश का बढ़ाया मान
- त्रिपुरा में खेली जा रही प्रतियोगिता के योगासन इवेंट में रितिक ने अपनी टीम को दिलाया तीसरा स्थान
- पिता अजय गुप्ता सीतापुर के लालबाग शहीद पार्क में लगाते हैं बच्चों के रेडीमेड कपड़ों का ठेला
- हरिद्वार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय से योग विज्ञान और मानव चेतना में एमए के छात्र हैं रितिक
सीतापुर, 23 फरवरी। प्रतिभा अमीरी की मोहताज नहीं होती, गुदड़ी के लाल भी प्रतिभावान हो सकते हैं। इसी बात को सच साबित कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में रहने वाले रितिक गुप्ता ने। रितिक के पिता अजय गुप्ता सीतापुर में लालबाग शहीद पार्क पर ठेला लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, जबकि बेटे रितिक ने त्रिपुरा में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में योगासन इवेंट का कांस्य पदक जीतकर न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे प्रदेश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। दरअसल, हरिद्वार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय से योग विज्ञान और मानव चेतना में एमए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे रितिक ने विश्वविद्यालय की ओर से खेलो इंडिया गेम्स में प्रतिभाग करते हुए योगासन के फाइनल में अपनी टीम को तीसरा स्थान दिलाया। रितिक के पिता को अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है और पूरा सीतापुर उस पर नाज कर रहा है।
रितिक के पिता अजय गुप्ता सीतापुर में वर्षों से रेहड़ी पटरी के माध्यम से अपना परिवार चलाते हैं। उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा अंशु गुप्ता ऑनलाइन निशुल्क संस्कृत संभाषण की कक्षाएं चलाता है और उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरे नंबर का बेटा रितिक विगत दो वर्ष से योगासन में अध्ययनरत है। वह विद्यालय और जनपद स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुके हैं। ओडिशा में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 के प्री मुकाबलों में उनकी टीम का चयन त्रिपुरा में फाइनल मुकाबले के लिए हुआ था। इसी क्रम में 18 फरवरी 2024 को हुए फाइनल मैच में रितिक ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को तीसरा स्थान (कांस्य पदक) दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले रितिक और उनकी टीम दिसंबर 2023 में हुए आल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में देश भर की चयनित आठ टीमों में छठे स्थान पर रही।
रितिक का परिवार उनके इस प्रदर्शन और उपलब्धि पर खुश है। पिता अजय गुप्ता ने कहा कि 18 फरवरी को फाइनल से पहले ही बेटे ने फोन करके बताया था कि उसके मैच का लाइव टेलीकास्ट होने वाला है। पूरे परिवार ने साथ बैठकर टीवी पर उसका प्रदर्शन देखा। हमें गर्व है कि रितिक और उसकी पूरी टीम ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि उत्तर प्रदेश का भी मान बढ़ाया। रितिक के बड़े भाई अंशु गुप्ता ने बताया कि आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उनके पिता ने कभी तीनों भाइयों को किसी चीज की कमी नहीं होने दी। हमने जिस क्षेत्र में भविष्य बनाने का निर्णय लिया, उन्होंने हमारा पूरा समर्थन किया। ये जीत रितिक के साथ-साथ हमारे पिता के कठोर परिश्रम की भी जीत है। वहीं रितिक ने बताया कि परिवार के समर्थन से अच्छे प्रदर्शन का हौसला मिला। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष उनका लक्ष्य प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने का होगा।