नन्हें हॉकी खिलाड़ियों को खिलाड़ी, कोच और कवि प्रेमशंकर ने दिए टिप्स

 

  • ग्रीनपार्क संकुल में हॉकी खिलाड़ियों से मिलने पहुंचे प्रेमशंकर शुक्ल

कानपुर। पूर्व हॉकी खिलाड़ी, कोच और हॉकी पर कविताएं व गीत लिख चुके प्रेम शंकर शुक्ल ने ग्रीन पार्क क्रीड़ा संकुल के ऐस्ट्रो टर्फ मैदान पर हाकी अभ्यास करते हुए जूनियर खिलाड़ियों के बीच पहुंच कर उन्हें हाकी खेलने के टिप्स दिए। चित्रकूट के जिस गांव में वे आज भी बच्चों को हाकी की प्रारंभिक शिक्षा दे रहे हैं, उनके लिए कानपुर हॉकी की ओर से हाकी स्टिक्स देकर सम्मानित किया गया।

चित्रकूट के एक छोटे से गांव में एक किसान के घर जन्मे प्रेमशंकर शुक्ल का परिवार खेलों में दक्ष था। स्कूल शिक्षा के दौरान वह एयर फोर्स में टेक्निकल विंग में सेलेक्ट हो गए। वहां उन्होंने हॉकी सीखी एवं पढ़ते भी रहे। इसके बाद वह विदेश खेलने भी गए। फिर कोच बनने के लिए एन‌आईएस ‌पटियाला गए और साई में सीनियर हाकी कोच बने और यूपी कालेज वाराणसी में साई हास्टल से क‌ई विश्व विजेता खिलाड़ियों को तैयार किया।

प्रेमशंकर शुक्ल ने हॉकी की हजारों कविताएं एवं जानदार हाकी गीत बना कर भी नाम कमाया। लंदन ओलम्पिक में आपको ओलम्पिक गीत बनाने केलिए विशेष मेडल देकर सम्मानित किया गया। मलेशिया के राजा ने कुआलालंपुर में उन्हें सम्मानित किया। श्रीलंका में हाकी अध्यक्ष ने सम्मानित किया। उन्होंने ब्लाइंड स्कूल की लड़कियों को हॉकी की स्किल में पारंगत किया। उन्हें विदेशी विश्वविद्यालय ने मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया।

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