आर्मी और पीएसी बैंड के साथ मानसिक दिव्यांग नेशनल पावरलिफ्टिंग की शुरुआत

 

  • 26 से 28 फरवरी तक होगी प्रतियोगिता, 19 राज्यों के एथलीट कर रहे प्रतिभाग

कानपुर। कानपुर नगर में स्पेशल ओलंपिक्स भारत, उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में 26 फरवरी से 28 फरवरी 2024 तक चलने वाली स्पेशल ओलंपिक्स भारत की पावर लिफ्टिंग नेशनल चैम्पियनशिप (महिला एवं पुरुष) का शुभारम्भ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा श्रीमती मल्लिका नड्डा, अध्यक्ष स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्षता में सी एस जे एम यूनिवर्सिटी कानपुर के वीरांगना लक्ष्मीबाई सभागार में हुआ। इस पावर लिफ्टिंग नेशनल चैम्पियनशिप में एथलीट भारत के 19 राज्यों से अपना प्रतिधित्व कर रहे है। सर्वप्रथम आर्मी और पी ए सी बैंड के साथ ध्वज फहराया गया। दीप प्रज्जवलन के साथ सभी राज्यों के खिलाडियों ने अपने प्रशिक्षकों के साथ मार्च पास्ट किया और कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने स्पेशल एथलीटस के साथ मशाल जलायी।

इस नेशनल चैम्पियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे कानपुर के खिलाडी कुश चतुर्वेदी ने स्पेशल ओलंपिक्स भारत की शपथ दोहराई “Let me win. But, if I cannot win, let me be brave in the attempt”. इस शपथ का उद्देश खिलाड़ियों में खेल भावना के विकास के लिए किया जाता हैं। नगर के पॉवरलिफ्टिंग के खिलाडी कुश चतुर्वेदी के साथ यह शपथ आये हुए सभी खिलाड़ियों एवं उनके कोच ने भी ली।कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य हस्तियों के शुभकामनाओं के वीडियो सन्देश चलाये गए।

 बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में इस विशाल आयोजन की सराहना की और वहां उपस्थित जनों को खेलों को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया। दिनेश सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने अपने सम्बोधन में बौद्धिक भिन्नता वाले बच्चों में खेलो के प्रचार प्रसार की आवश्यकता को बताते हुए इस तरह और भी आयोजन प्रदेश में होने चाहिए इस पर जोर दिया। पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर एवं स्पेशल ओलंपिक्स भारत, उत्तर प्रदेश इकाई कि तरफ से उप मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया गया जिसमे बौद्धिक भिन्त्रता वाले खिलाड़ियों के लिए समर्पित मिनी स्टेडियम शहर में बनाने कि मांग कि गयी हैं।

मल्लिका नड्डा ने कहा कि शारीरिक, बौद्धिक और व्यक्तित्व विकास के लिए खेल एक बहुत ज़रूरी माध्यम है। और जब बात हमारे स्पेशल बच्चों की हो तो खेल उनके बीच एक अलग उत्साह और आत्मविश्वास पैदा करता है। स्पेशल ओलंपिक्स की एक बात जो इसे और खास बनती है वो ये कि यहाँ सभी खेलते है और सभी जीतते है। सब को एक साथ ले कर चलने की ये एक अनूठी मिसाल है। अंत में उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में एन एल के ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स और पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर के सहयोग को सराहा एवं भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। 

मुकेश शुक्ल (अध्यक्ष, स्पेशल ओलिंपिक भारत, उत्तर प्रदेश) ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश में स्पेशल ओलंपिक्स भारत के द्वारा किये जा रहे कार्यों का विवरण और  भविष्य में होने वाले आयोजनों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन कर रहे अभिषेक चतुर्वेदी ने स्पेशल ओलंपिक्स भारत के गरिमामयी इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया की इसकी शुरुवात 1988 में मुंबई में हुई थी। एन एल के दिशा एवं पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर के छात्रों ने संगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रान्त प्रचालक  श्रीराम जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, कमिश्नर ऑफ पुलिस अखिल कुमार, एडीजी कानपुर जोन अलोक सिंह, स्पेशल ओलंपिक्स भारत (उत्तर प्रदेश) अध्यक्ष मुकेश शुक्ला, कार्यक्रम संयोजक संजीव पाठक, पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर की निदेशक रुमा चतुर्वेदी, सह संयोजिका संचिता कपूर, पल्लवी चंद्रा, ज्ञान सिंह, प्रियंका द्विवेदी, अमिता कालरा, अर्चना टंडन, ज्योति कलसी, फातिमा डिसिल्वा, संतोष मिश्रा, कवलजीत कौर, दुर्गेश दीक्षित, दुर्गेश तिवारी, सुनील कुमार, आशुतोष सत्यम झा, एरिया डायरेक्टर संजीव दोहरे, कोष्याध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह, कार्यकारणी सदस्य ललित जायसवाल एवं नगर के खिलाड़ियों तथा गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

स्पेशल ओलंपिक भारत उत्तर प्रदेश के संरक्षक एवं कार्यक्रम संयोजक संजीव पाठक उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुकेश शुक्ला एवं सहसंयोजक डॉ अभिषेक चतुर्वेदी के प्रयासों से पावरलिफ्टिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन उत्तर प्रदेश में प्रथम बार आयोजित हो रहा है। प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ी अमेरिका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।

स्पेशल ओलंपिक भारत का मिशन है जो बौद्धिक क्षमता वाले बच्चों और वयस्कों के लिए विभिन्न प्रकार के ओलंपिक खेलों में साल भर खेल का प्रशिक्षण और एथलीट प्रतियोगिताएं प्रदान करता है जिससे उन्हें शारीरिक फिटनेस विकसित करने का साहस प्रदर्शित करने का खुशी अनुभव करने और साझा करने का निरंतर अवसर मिलता है। साथ ही उपहार और कौशलों को बांटने का एवं दोस्ती करने का उनके परिवारों एवं अन्य विशेष ओलंपिक एथलीट और समुदायों के साथ अवसर मिलता है

मानसिक दिव्यांगता के समर्थन में मानव श्रृंखला

 कानपुर। ग्रीन पार्क में दिव्यांग बच्चों की सामाजिक स्वीकार्यता एवं समावेश हेतु पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर और एन एल के ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स के सामूहिक प्रयास से एक वृहद रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का शुभारंभ मल्लिका नड्डा की अध्यक्षता में सांसद कानपुर नगर, सत्यदेव पचौरी जी ने किया। मुकेश शुक्ल (अध्यक्ष स्पेशल ओलिंपिक भारत, उत्तर प्रदेश), संजीव पाठक (पूर्व अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाडी) ने रैली में आये हुए सभी खिलाड़ियों एवं संस्थाओ को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस रैली का मुख्य प्रयोजन आम जन मानस को मानसिक दिव्यांगता के प्रति जागरूक करना था। सामान्यता हम सभी मानसिक रोगों अथवा दिव्यांगता को स्वीकार नहीं करते और उन्हें बड़ी ही हीन भावना से देखते है, कई बार तो उन्हें पागल की संज्ञा तक दे दी जाती है। जबकि ऐसा नहीं है, रैली द्वारा ये सन्देश दिया गया की अगर हम मानसिक दिव्यांग लोगों को प्रेम और सौहार्द के साथ स्वीकार करे तो उनके जीवन को भी श्रेष्ठकर बनाया जा सकता है वे भी समाज के विकास में अपना योगदान दे सकते है। पूरे कानपुर शहर के कई विद्यालयों के करीब 2000 छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का निर्देशन, पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर की निदेशक रूमा चतुर्वेदी ने किया, तथा मुख्य रूप से एन एल के ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स के डायरेक्टर, श्री अभिषेक चतुर्वेदी, सह संयोजिका संचिता कपूर, पल्लवी चन्द्रा, प्रियंका द्विवेदी, ज्ञान सिंह, दुर्गेश दीक्षित, सहित स्पेशल ओलंपिक्स भारत के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोगो ने प्रतिभाग किया ।

 

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