- नर से नारायण तक की यात्रा में धर्म और कर्म की प्रेरणा से शिक्षक बनें आदर्श पथप्रदर्शक — हेमचंद जी
- दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ शुभारंभ, पंचकोशीय विकास और कर्म के सिद्धांत पर हुआ सारगर्भित मार्गदर्शन
कानपुर, 26 मई।
जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, विकास नगर, कानपुर में आयोजित प्रांतीय प्रधानाचार्य अभ्यासवर्ग का शुभारंभ वंदना सत्र से हुआ। इस अवसर पर माननीय श्री हेमचंद जी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री (पूर्वी उत्तर प्रदेश) ने दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर सत्र का विधिवत उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में प्रांत संगठन मंत्री श्री रजनीश पाठक जी, भारतीय शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. राकेश निरंजन, प्रांतीय मंत्री श्री रामप्रकाश पोरवाल, प्रदेश निरीक्षक श्री अयोध्या प्रसाद मिश्र, तथा प्रो. सुनील मिश्र ने भी मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन कर वंदना सत्र को गरिमामयी बनाया।
धर्म और कर्म से होता है जीवन का उत्थान: हेमचंद जी
वंदना सत्र में श्री हेमचंद जी ने उपस्थित प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य का धर्म ही उसका मार्गदर्शन करता है, और सही कर्म से नर से नारायण बनने की आध्यात्मिक यात्रा संभव है।
उन्होंने पंचकोशीय विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कर्म का फल निश्चित होता है, इसलिए हर शिक्षक को अपने कर्म के प्रति सजग और समर्पित रहना चाहिए।
संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को प्रेरणा देने वाला आयोजन
कार्यक्रम में संभाग निरीक्षक श्री शिव करण जी एवं श्री अजय जी, समेत सभी प्रधानाचार्य बंधु एवं बहिनें उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का संचालन सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, कानपुर के प्रधानाचार्य श्री रत्नेश अवस्थी जी ने किया।