मिसालः भाई को बचाने के लिए फुटबॉलर बहन ने दान कर दिया अपना लीवर

 

 

 

  • रक्षा बंधन से पहले सामने आया एक बहन का त्याग

लखनऊ। राखी का त्योहार आने वाला है। हम सब भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की अनेक कहानियां सुनते हैं। बहन की रक्षा के लिए भाई के संकल्प और महानता की अनूठी मिसाल आपने देखी और सुनी होगी, लेकिन लखनऊ में एक बहन ने भाई के लिए कुछ ऐसा किया है जिसे सुनकर हर कोई इसकी मिसाल दे रहा है। राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल खिलाड़ी 28 वर्षीय अंशिका ने अपने बड़े भाई को लीवर डोनेट कर उसकी जान बचाई है। खास बात यह है कि 30 साल का उनका भाई भी नेशनल कराटे खिलाड़ी है।

अंशिका और शैलेंद्र मूलतः प्रयागराज के रहने वाले हैं। शैलेंद्र प्रयागराज में ही एक स्कूल में कराटे के शिक्षक हैं। वहीं अंशिका अब पंजाब में रहती हैं। कुछ साल पहले शैलेंद्र को यह पता चला कि उसे लिवर सिरोसिस नाम की भयानक बीमारी है लेकिन उसने सभी से यह बात छुपाई। क्योंकि बहन की शादी का दबाव उसके सिर पर था और उसने अपनी जिंदगी की सारी उम्मीदें भी खो दी थी, लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ी तो सभी को यह बात पता चली। जिसके बाद छोटी बहन अंशिका ने यह फैसला किया कि वह अपने भाई को लिवर डोनेट करेगी।

हैरानी की बात यह है कि अंशिका को 6 महीने की बच्ची भी है और उसके सामने फुटबॉल में पूरा भविष्य भी था लेकिन उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा कर लिवर ट्रांसप्लांट का बड़ा फैसला किया। लगभग 2 महीने पहले हुए लीवर ट्रांसप्लांट के बाद अब दोनों पूरी तरीके से स्वस्थ हैं। डॉक्टर ने दोनों को अपने खेल को जारी रखने की हरी झंडी भी दे दी है। इन दोनों की मां की आंख से निकलते हुए आंसू उस दर्द को बयां करते हैं जब उन्हें यह पता चला कि शायद उनका बेटा अब इस दुनिया में ना रहे लेकिन छोटी बहन के समर्पण और प्यार ने एक भाई को दोबारा जिंदा कर दिया।

Leave a Comment