राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में फिटनेस और स्वास्थ्य पर चर्चा

 

 

कानपुर। पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय कानपुर कैंट में गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय संभाग स्तरीय राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी तथा अंतराष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष के उपलक्ष्य पर ‘स्वास्थ्य और सतत ग्रह (पृथ्वी) के लिए श्री अन्न’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी’ का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कर्नल ‘अविनाश डी हेमाडी’ द्वारा किया गया। कर्नल हेमाडी ने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुये कहा कि यह हमारे लिये बड़े ही गर्व की बात है कि हमारे विद्यार्थी इस तरह की विज्ञान प्रदर्शनी में पूरी तन्मयता से भाग ले रहे हैं।

पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय कानपुर कैंट में आयोजित दो दिवसीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में केन्द्रीय विद्यालय संगठन – लखनऊ संभाग के सभी 59 केन्द्रीय विद्यालयों के लगभग 250 विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहें हैं। प्रदर्शनी में बच्चों के द्वारा निर्मित विज्ञान और तकनीकी से संबंधित विभिन्न मॉडल प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनका स्वतंत्र निर्णायक मण्डल द्वारा सूक्ष्म अवलोकन और मूल्यांकन किया जाएगा। प्राचार्य सोम पाल जी ने बताया कि बाल विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को पुष्ट करने मे सहयता मिलती है। यही विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य हैं। इनकी सोच और क्षमता हमारे देश की वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता को प्रतिष्ठित करेगी।

‘स्वास्थ्य और सतत ग्रह (पृथ्वी) के लिए श्री अन्न’ विषय पर संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञ डॉ विनीता सिंह एवं डॉ प्रीती सिंह के द्वारा श्री अन्न के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय महत्त्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जीवन मे उपयोग के लिए प्रेरित किया गया। डा. विनीता सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम आज बच्चों की पसंद मैगी नूडल्स आदि भी श्री अन्न से बनाने में सक्षम हैं। अतः हमे इसका नियमित प्रयोग करना चाहिये। हम कम से कम प्रतिदिन के आहार में बाजरे की एक रोटी अवश्य खायें जो हमारे स्वास्थ्य के लिये अति लाभप्रद है। विद्यार्थियों ने कृषि, विज्ञान, तकनीकी, कम्प्यूटर, स्वास्थ्य, स्वछता आदि से सम्बंधित माडल एवं यंत्र बनाकर प्रदर्शित किये।

प्रदर्शनी का सफल आयोजन उप प्राचार्य राजेश कुमार मिश्रा व धीरज सिंह ने किया। प्रदर्शनी में अविनाश सेन, अनुज गुप्ता जयति, जया शर्मा, डा. मीरा दुबे, संजीव सिंह, पूर्णिमा त्रिपाठी, दीपिका सरकार आदि शिक्षकों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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