अंतिम ओवर में धोनी ने 2 छक्के जमाकर चेन्नई सुपरकिंग्स को 217 रनों तक पहुंचाया
लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम लक्ष्य से भी महज 12 रन ही दूर रह गई
महेंद्र सिंह धोनी अपने करियर के शुरुआती दिनों में एक फिनिशर के तौर पर जाने जाते थे। वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला हो या ऐसे ही कई अन्य मैच धोनी ने अपने छक्कों की मदद से टीम को जीत दिलाई थी। लंबे अर्से बाद एक बार फिर उनके छक्कों की मदद से चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम सोमवार को लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ मैच जीतने में कामयाब रही। दिलचस्प बात ये रही कि ये छक्के मैच की दूसरी पारी के बजाए धोनी ने पहली पारी के अंतिम ओवर्स में लगाए थे। दरअसल मैच में धोनी अंतिम ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतरे थे और उन्होंने अपनी पहली दोनों गेदों में दो छक्के लगाए। तीसरी गेंद पर तीसरा छक्का लगाने की कोशिश में वो आउट हो गए। चेन्नई ने 7 विकेट पर 217 रन बनाए जिसमें ऋतुराज गायकवाड़ के 57 और डेविड कॉन्वे के 47 रनों की अहम भूमिका रही। जवाब में लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम काइल मेयर्स के तूफानी 53 और निकोलस पूरन के 32 रनों के बावजूद लक्ष्य से 12 रन पीछे रह गई। यानी धोनी के दो छक्के मैच में निर्णायक साबित हुआ।
गेंदबाजों पर बरसे राहुल
मैच के बाद लखनऊ सुपरजायंट्स के कप्तान केएल राहुल ने कहा कि यह हमारी अच्छी शुरुआत नहीं थी। कुछ ही ओवर में वह महंगे साबित होने लगे थे, हम अच्छी जगह पर गेंदबाजी कर सकते थे। उनके पास अच्छे बल्लेबाज थे जिन्होंने हमारी गलतियों का अच्छा फायदा उठाया। जब आप पहले गेंदबाजी करते हो तो आप पिच को परखते हो कि कैसे गेंदबाजी करनी है। हालांकि यह हमारे लिए नुकसानदायक रहा। बल्लेबाजी में हमने अच्छा पावरप्ले का इस्तेमाल किया लेकिन बाद में ऐसा नहीं कर सके। मेयर्स बहुत अच्छी फार्म के साथ यहां पर पहुंचे हैं, वह इसी तरह से यहां पर खेल रहे हैं। लखनऊ के बाद उन्होंने यहां पर भी ऐसी ही पारी खेली। रवि के साथ अब मैं कुछ सालों से खेल रहा हूं तो मुझे पता है कि वह ना केवल विकेट लेगा बल्कि रन भी बचाएगा। ऐसे में ऐसे खिलाड़ियों को मौका देना जारी रखेंगे। टॉस की जहां तक बात है तो हमें नहीं लगता कि कोई गलती की है। हमें अच्छी शुरुआत मिली, इसके बाद भी उन पर दबाव बनाया गया, हां हम कई बार बाउंड्री पर लपके गए लेकिन इसी तरह का यह गेम है बस दिन आज हमारे साथ नहीं था।