जेएनटी अण्डर-12 के श्रेष्ठ 30 खिलाड़ी घोषित

 

 

 

  • प्रतिभाओं की पहचान, अब साल भर चलेगा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

 

कानपुर, 8 मई

जे० एन० टी० स्पोर्ट्स वेलफेयर फाउंडेशन की महत्वाकांक्षी अण्डर-12 क्रिकेट लीग योजना से इस वर्ष 30 श्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इन खिलाड़ियों को अब प्रदेश की अण्डर-14 टीम के लिए एक विशेष वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा।

कैम्प, मानसिक तैयारी और पारंपरिक इनिंग क्रिकेट से होगा खिलाड़ियों का विकास

संस्था के निदेशक श्री संजय तिवारी के अनुसार इस चयनित सूची के खिलाड़ियों को आगामी सत्र में लगातार कैम्प, इंटरनल मैचेस और मेंटल कंडीशनिंग के जरिए तैयार किया जाएगा, ताकि वे उच्च स्तरीय क्रिकेट के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें।

चयन प्रक्रिया: प्रदर्शन ही रहा आधार

सभी खिलाड़ियों का चयन जे० एन० टी० अण्डर-12 क्रिकेट लीग में उनके मैच प्रदर्शन के आंकलन के आधार पर किया गया है। गौरतलब है कि पिछले 12 वर्षों में इस संस्था से जुड़े 27 खिलाड़ी विभिन्न आयु वर्ग में प्रदेश की टीम का हिस्सा बन चुके हैं।

शहरवार चयनित खिलाड़ी: कानपुर से सबसे अधिक 14 खिलाड़ी

इस वर्ष चयनित खिलाड़ियों में

कानपुर से 14

लखनऊ व वाराणसी से 4-4

सुल्तानपुर से 3

झांसी, औरैया, देवरिया, उरई व चित्रकूट से 1-1 खिलाड़ी चयनित हुआ है।

खिलाड़ियों का संतुलित चयन: बल्लेबाज, गेंदबाज और विकेटकीपर

चयनित खिलाड़ियों में –

🔹 14 बल्लेबाज

🔹 8 मध्यम गति के गेंदबाज

🔹 6 स्पिनर

🔹 2 विकेट कीपर शामिल हैं।

चयनित खिलाड़ी सूची (जनपदवार):

कानपुर: कृष्ण यादव, अनन्त कुमार मिश्रा, अमृत सचान, रेयांश पाल, विराट महेश्वरी, जियांश रमानी, अयान पुरोहित, आदर्श पाल, दिवांश शुक्ला, यशस्वी यादव, आयुष्मान सिंह, राजवीर अग्रवाल, कृष्ण शुक्ला, आदित्य श्रीवास्तव

लखनऊ: हर्षवर्धन पंत, विराज पाल, मयंक सिंह, शिव स्वास्तिक द्विवेदी

वाराणसी: श्रेयांश उपाध्याय, क्रिश सिंह, श्रेयांश, अफाल हबीब

सुल्तानपुर: सर्वेश कुमार शुक्ला, मिहिर सिंह, रेयांश यादव

झांसी: आदित्य यादव

औरैया: धैर्य अग्रवाल

देवरिया: अभिनव

उरई: यशराज सिंह

चित्रकूट: आयुष विश्वकर्मा

संस्था का उद्देश्य: भविष्य के सितारों को देना मंच

संजय तिवारी ने बताया कि यह एक नॉन-प्रॉफिट स्पोर्ट्स डेवलपमेंट मॉडल है, जिसमें हर वर्ष अधिक जिलों को जोड़ा जा रहा है। संस्था का लक्ष्य है कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शुरुआती उम्र में ही व्यवस्थित और विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

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