अर्चना मिश्रा ने यूपीसीए को दिया 2 दिन का अल्टीमेटम

 

  • शो काज नोटिस का एपेक्स काउंसिल की मेंबर अर्चना मिश्र ने दिया जवाब
  • 8 दिसंबर तक रीता डे समेत अन्य ऑफिशियल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
  • संघ की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर स्वयं लीगल एक्शन लेने की कही बात
  • रीता डे और यूपीसीए के अन्य ऑफिशियल पर छवि खराब करने और मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप

कानपुर। यूपीसीए में छिड़े ऑडियो वॉर पर एपेक्स काउंसिल की मेंबर अर्चना मिश्रा द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान पर अब रात चीड़ गई है। अर्चना मिश्रा को यूपीसीए और उसके ऑफिशियल पर सार्वजनिक बयान देने को अनुशासनहीनता मानते हुए यूपीसीए की ओर से शो काज नोटिस जारी किया गया है। अर्चना मिश्र ने भी इस नोटिस का जवाब देते हुए यूपीसीए को विमेन क्रिकेट की जीएम रीता डे और अन्य पर अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए 2 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। यूपीसीए के सचिव अरविंद कुमार श्रीवास्तव को इस रिप्लाई मेल में अर्चना ने लिखा है की अगर 8 दिसंबर तक यूपीसीए रीता डे के खिलाफ एक्शन नहीं लेता है तो वह स्वयं लीगल एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। अर्चना ने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए मेल के साथ रीता डे और यूपीसीए के एक अन्य ऑफिशियल के बीच हो रही बातचीत के इस वायरल ऑडियो का प्रमाणित फोरेंसिक एविडेंस भी अटैच किया है। गौरतलब है की हाल ही में रीता डे का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमे वो यूपीसीए के एक ऑफिशियल से अर्चना मिश्रा के संबंध में कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं।

कारण बताओ नोटिस का अर्चना ने यूं दिया जवाब

यूपीसीए के सचिव अरविंद कुमार श्रीवास्तव को भेजे मेल में अर्चना ने लिखा, मैं आपका ध्यान दिलाना चाहती हूं कि मैंने यूपीसीए के पोस्ट बियरर द्वारा जानबूझकर जारी किए गए विवादित और अपमानजनक ऑडियो क्लिप के खिलाफ कई शिकायतें की हैं। रीता डे और अन्य ने मेरी छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया, लेकिन विशाखा और ओआरएस बनाम प्रतिवादी: राजस्थान राज्य और अन्य दिनांक 13/08/1997 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के संदर्भ के बावजूद आपके कार्यालय द्वारा मेरी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सुश्री रीता डे और अन्य यूपीसीए अधिकारियों द्वारा जानबूझकर ऑडियो क्लिप जारी करने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आवेदक/शिकायतकर्ता के पास आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और कानूनी कार्यवाही शुरू करने का अधिकार सुरक्षित है। आवेदक/शिकायतकर्ता की मांग है कि आक्षेपित ऑडियो क्लिप में अपमानजनक कथन शामिल है। ब्रिलियंट फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन प्राइवेट लिमिटेड की फोरेंसिक रिपोर्ट दिनांक 04/ 12/2023 संलग्न है जो इसे प्रमाणित करता है। इसलिए यह मानहानि का यह जानबूझकर किया गया कृत्य है, जिसके तहत जानबूझ कर ऐसी ऑडियो क्लिप प्रसारित करके उत्पीड़न, प्रतिष्ठा की हानि, मानसिक पीड़ा, छवि खराब करना और आवेदक के बारे में यौन टिप्पणी करना शामिल है।

सुश्री रीता डे और अन्य यूपीसीए अधिकारियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक कार्रवाई और एफआईआर की जाए, जिन्होंने जानबूझकर इस कृत्य से मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। पुनः अनुरोध है कि 2 दिनों अर्थात 8/12/2023 के भीतर उपरोक्त पर तत्काल कार्रवाई करें अन्यथा मुझे सुश्री रीता डे और अन्य यूपीसीए अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की स्वतंत्रता है जिन्होंने जानबूझकर मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।

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