सेलेक्शन में सौदेबाजीः ये कौन सा जोड़ है, जो आउट नहीं होने देता!

 

 

  • उत्तर प्रदेश क्रिकेट में सौदेबाजी पर एक और आरोप, सहारनपुर से जुड़े खिलाड़ी के अंडर-16 में चयन को लेकर सेलेक्टर्स से लेकर मैच ऑफिशियल्स तक जुटे मुहिम में
  • आरोपों के अनुसार नोएडा के पथिक स्टेडियम में चल रहे ट्रायल मैचों में 6 बार आउट होने के बाद भी अंपायर ने दिया खेलते रहने का मौका, शतक जड़कर अब टीम में ठोक रहा चयन का दावा

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ भले ही चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बताकर सेलेक्शन में सौदेबाजी के आरोपों से पल्ला झाड़ रहा हो, लेकिन आरोप हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे। अब एक नया आरोप उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की मुसीबत बढ़ा रहा है। नया आरोप अंडर-16 क्रिकेट में चयन को लेकर है। अंडर-16 क्रिकेट टीम के ट्रायल मैच इस समय नोएडा में पथिक स्टेडियम में चल रहे हैं। इसमें सहारनपुर के एक खिलाड़ी को लेकर आरोप है कि सेलेक्टर्स मैच ऑफिशियल्स की मदद से इस खिलाड़ी को प्रमोट कर रहे हैं, ताकि उसका प्रदर्शन अच्छा हो और चयन में कोई सवाल न उठा सके। लेकिन सवाल चयन से पहले ही शुरू हो गए हैं। संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पूर्व सचिव के खास और भाई के नाम से पॉपुलर शख्स ने इस खिलाड़ी को टीम में शामिल करने का फरमान जारी कर दिया है, जिसके बाद सेलेक्शन कमेटी से लेकर मैच ऑफिशियल्स तक उसे टीम में शामिल कराने की मुहिम में जुट गए हैं। दावा किया जा रहा है कि इस खिलाड़ी ने ट्रायल मैच में शानदार शतक जड़ा है, लेकिन कथित रूप से उसे 6 बार अंपायर्स ने आउट ही नहीं दिया। दबे स्वर में कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि गेंदबाज चाहे जितनी अच्छी गेंद डाल ले, लेकिन अंपायर उसे आउट नहीं होने देंगे और सेलेक्टर उसे टीम से बाहर नहीं होने देंगे।

सूत्रों के अनुसार विगत कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में सहारनपुर का दबदबा बढ़ा है। यहां से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोग ही अब प्रदेश का क्रिकेट चला रहे हैं। मन चाहे खिलाड़ी टीम में रखे जा रहे हैं। यहां तक कि दिल्ली की अकादमियों से खिलाड़ी आयात किए जा रहे हैं। आरोप ये भी है कि टीम में चयन के लिए सौदेबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस सौदेबाजी से जुड़ा एक आडियो हाल ही में वायरल हुआ है। कथित रूप से यह सब सहारनपुर के भाई के इशारों पर हो रहा है। संघ में उसकी धमक इस कदर है कि सेलेक्शन कमेटी क्या मैच ऑफिशियल भी उसके खिलाफ नहीं जा सकते। ताजा आरोप में इसी को आधार बनाया गया है। बताया जा रहा है कि यह खिलाड़ी मैच के दौरान कई बार बीट हुआ, कुछ खिलाड़ियों ने इसे विभिन्न तरीके से आउट भी कर दिया, लेकिन अंपायर्स ने कोई न कोई बहाना बनाकर उसे आउट नहीं होने दिया। इसका लाभ उठाकर इस खिलाड़ी ने सैकड़ा जड़ दिया। आरोप लगाने वाले ये तक भविष्यवाणी कर रहे हैं कि इस खिलाड़ी को अंडर-16 टीम का कप्तान बनाए जाने का निर्णय लिया जा चुका है। यह खिलाड़ी भी दिल्ली की एक अकादमी से आयातित है। ये सौदा किसी की नजर में न आए, इसीलिए ट्रायल मैचों को कानपुर में न करवाकर नोएडा में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश ने भारत को कई बड़े खिलाड़ी दिए हैं। मो. कैफ, सुरेश रैना और अब कुलदीप यादव ने प्रदेश के क्रिकेट को एक नई पहचान दी है। अच्छे खिलाड़ी सौदे से नहीं बल्कि प्रतिभा से बनते हैं। वहीं मैच ऑफिशियल्स की भी जिम्मेदारी बनती है। अंपायर और रेफरी मैचों की निगरानी करते हैं, उनकी ईमानदारी ही अच्छे क्रिकेटर्स को आगे ला सकती है। लेकिन अगर वाकई में संघ में अब सौदेबाजी का ये नया खेल शुरू हुआ है तो उत्तर प्रदेश क्रिकेट के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। हो सकता है कि ये आरोप निराधार हों, लेकिन क्रिकेट संघ के जिम्मेदार लोगों को इन आरोपों की जांच तो करानी ही चाहिए। और यदि इसमें किसी की संलिप्तता पाई जाती है तो उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, तभी प्रदेश का क्रिकेट और प्रतिभा सुरक्षित रह सकेगी।

Leave a Comment