- होटल लैंडमार्क में अखिल भारतीय शतरंज संघ की साधारण सभा से पहले डेवलपमेंट प्रोग्राम पर हुई चर्चा
- 32 राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों ने अपनी उपलब्धियां, फ्यूचर प्रोग्राम और उनके लक्ष्यों के विषय में दी जानकारी
- एआईसीएफ प्रत्येक राज्य के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम लागू करेगा और राज्य संघों का सहयोग करेगा।
- स्कूलों में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए अध्यापकों को प्रशिक्षण के साथ शतरंज से संबंधित प्रोग्राम कराया जाएगा उपलब्ध
- कमजोर राज्यों उच्चतम प्रदर्शन के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान करेगा अखिल भारतीय शतरंज संघ
कानपुर। उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार अखिल भारतीय शतरंज संघ की साधारण सभा का आयोजन कानपुर में होटल लैंडमार्क में किया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार इतना बड़ा आयोजन हो रहा है जिसमें भारत के सभी प्रदेशों से आए पदाधिकारियों को अपनी बात रखने का मौका मिला। शनिवार 8 जुलाई को डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसमें सभी 32 राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों ने अपनी उपलब्धियां, फ्यूचर प्रोग्राम, आगे की योजना, उनका उद्देश्य, इन सभी विषयों के बारे में पीपीटी के माध्यम से सभा को संबोधित किया। अखिल भारतीय शतरंज संघ के अध्यक्ष डॉ संजय कपूर ने उम्मीद जताई कि आने वाले 2 वर्षों में अखिल भारतीय शतरंज संघ करीब छह लाख से ज्यादा खिलाड़ियों को पंजीकृत करने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहा है। अध्यक्ष ने बताया कि एआईसीएफ प्रत्येक राज्यों के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम लागू करेगा व उनको इस दिशा में सहयोग करेगा। साथ ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण व स्कूलों में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के अध्यापकों को प्रशिक्षण देना व उनके लिए शतरंज से संबंधित प्रोग्राम उपलब्ध कराया जाएगा। एआईसीएफ उन सभी कमजोर राज्यों को सहायता करेगा जो कि किन्ही कारणों के अभाव से अपना उच्चतम प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
इस अवसर पर एआईएसएफ के चेस इन स्कूल प्रोग्राम के चेयरमैन अजीत कुमार वर्मा, अध्यक्ष डॉक्टर संजय कपूर, एशियन चेस फेडरेशन के डिप्टी प्रेसिडेंट भरत सिंह, अखिल भारतीय शतरंज संघ के सचिव डॉक्टर विपनेश, उपाध्यक्ष भावेश पटेल एवं कोषाध्यक्ष नरेश शर्मा भी मौजूद थे। इस अवसर पर 32 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी पीपीटी प्रस्तुत की जिसमें मुख्य रुप से बिहार चेस एसोसिएशन के सचिव धर्मेंद्र कुमार, अरुणाचल प्रदेश के अध्यक्ष नीआपुंग कोनिया,
केरल चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश, जम्मू एंड कश्मीर एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल कुमार, असम चेस एसोसिएशन के सचिव राजीव धर और अंत में आयोजक उत्तर प्रदेश चेस स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव ए के रायजादा ने सभी आए हुए पदाधिकारियों के द्वारा प्रस्तुत की गई पीपीटी की सराहना की व उत्तर प्रदेश एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के द्वारा प्रदेश को नए शिखर पर पहुंचाने के लिए पी पी टी प्रस्तुत की जिसकी सभा में बैठे सभी पदाधिकारियों ने ताली बजाकर सराहना की।
अध्यक्ष कपूर ने शतरंज महासंघ के प्रत्येक सदस्यों का उनका लगातार समर्थन के लिए धन्यवाद दिया जिन्होंने पिछले ढाई वर्षों में भारतीय शतरंज परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाया है। बैठक का प्राथमिक उद्देश्य राज्य संघों के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों और चुनौतियों पर खुली चर्चा करना था। इस मंच ने इन प्रतिनिधियों को अपने विचार और अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान किया जिससे क्षेत्रीय स्तर पर आने वाले परेशानियों का हल खोजने में आसानी होगी।
चर्चा के दौरान देशभर में शतरंज के विकास को लेकर एक प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। इन प्रतिनिधियों ने अपने संबंधित राज्य संघों द्वारा की जाने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला जिसमें बुनियादी ढांचे, वित्तीय परेशानी, खिलाड़ियों का विकास और संगठनात्मक समर्थन जैसी चीजें शामिल हैं। इन विचारों को सुनने के बाद इसका समाधान खोजे जाने को लेकर चर्चा हुई जिससे प्रत्येक राज्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। खेल के विकास के प्रति एआईसीएफ की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप यह बैठक इन चुनौतियों का समाधान करने की योजना के साथ संपन्न हुई।
एआईसीएफ राज्य संघों के सहयोग से देश भर में शतरंज के विकास को लेकर प्रभावी रणनीति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परेशानियों को जानने के बाद एआईसीएफ का लक्ष्य शतरंज को समावेशी बनाना है जो भारतीय शतरंज को वैश्विक मंच पर अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा। एआईसीएफ रविवार को अपनी वार्षिक आम बैठक आयोजित करेगा जो कानपुर में होगी।