योगासन को क्रिकेट की तरह सुविधाएं व सम्मान देने की आवश्यकता – डॉ. दुर्गेश कुमार

 

  • कानपुर में 5वीं जनपद स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता का सफल आयोजन, उत्तम पब्लिक स्कूल बना चैंपियन

KANPUR, 29 September: 5वीं कानपुर जनपद स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता का आयोजन कानपुर योगासन खेल संघ, उत्तर प्रदेश योगासन खेल संघ, भारतीय योग चिकित्सक संघ और इंटरनेशनल योगा फाउंडेशन के सहयोग से एस.जे. एजुकेशन सेंटर, नौबस्ता हंसपुरम में किया गया। प्रतियोगिता में 400 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। उत्तम पब्लिक स्कूल ने चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। एस.जे. एजुकेशन सेंटर प्रथम स्थान पर रहा, जबकि डॉ. बृजेन्द्र स्वरूप स्कूल द्वितीय और एस.जे. विद्या निकेतन तृतीय स्थान पर रहे। बेस्ट अनुशासन का पुरस्कार के.आर. एजुकेशन को मिला।

योगासन को मिलना चाहिए क्रिकेट जैसा सम्मान

योगासन खेल प्रतियोगिता के चैंपियनशिप डायरेक्टर डॉ. दुर्गेश कुमार ने योगासन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि योगासन को भी क्रिकेट की तरह सुविधाएं और सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक योगासन खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकता है और योगासनों के जरिए शारीरिक और मानसिक संतुलन को बेहतर कर सकता है।

योगासन से मिलती है शारीरिक और मानसिक ऊर्जा

डॉ. दुर्गेश कुमार ने योगासन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तेज़ रफ्तार जिंदगी में तनाव, थकान और चिड़चिड़ाहट से बचने के लिए योग एक रामबाण उपाय है। योग न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक रूप से भी फिट रखता है। यदि नियमित रूप से किया जाए, तो योग हर प्रकार की चिकित्सा से अधिक प्रभावशाली साबित हो सकता है।

योगासन प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ

प्रतियोगिता का शुभारंभ एस.जे. ग्रुप के सुबोध कटियार, उत्तम पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर योगेन्द्र उत्तम, और एस.जे. एजुकेशन सेंटर की कोऑर्डिनेटर ज्योति यादव समेत अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। विशेष अतिथि आचार्य विपिन कुमार पथिक और योग गुरू संजय की टीम ने प्रतियोगिता को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय संस्कृति और योगासन का अनूठा प्रदर्शन

कार्यक्रम में फतेहपुर जनपद के बच्चों द्वारा विशेष परफॉर्मेंस और योग गुरू संजय की टीम द्वारा दिए गए योग प्रदर्शन ने भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को मेडल और सर्टिफिकेट, जबकि कोचों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।

 

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