यूपी क्रिकेट में सेलेक्शन पर सौदेबाजी के वायरल वीडियो से क्रिकेट जगत हैरान

 

 

 

 

  • कथित तौर पर यूपीसीए से जुड़े लोगों की संलिप्तता पर उठ रहे सवाल
  • बच्चों से चल रही खुली लूट से खतरे में उत्तर प्रदेश का क्रिकेट

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में चयनकर्ताओं और उनके एजेन्टों के बीच खिलाडियों को टीम में स्थान दिलाने के लिए कथित तौर पर ली जा रही रिश्वत या फिर कमीशनखोरी की खबर चलते ही पूरी तरह से हडकम्प मच गया है। ट्रायल मैच खिलाने की सौदेबाजी करती ऑडियो क्लिप का वायरल होना यूपीसीए में प्रभुत्व रखने वाले भाई के वर्चस्व की कहानी बयां का रहा है। अब तो संघ के आलाकमान से लेकर नीचे स्तर के अधिकारी व कर्मचारियों को भी चयनकर्ताओं से दूर रहने की हिदायत दे दी गयी है। तो वहीं संघ के सूत्र बताते हैं कि सुपर आलाकमान की रडार पर एक चयनकर्ता ललित वर्मा आ गया जिसे उसके पद से हटा भी दिया गया।

मठाधीशों के कब्जे में संघ
क्रिेकेट जगत में भी यूपीसीए के इस कारनामे के चर्चे हैं। कुछ जानकार क्रिकेटरों का मानना है कि संघ अब मठाधीशों के कब्जेे में है और इस प्रकार का कारनामा उनकी शान में चार चांद लगा रहा है तो वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह कारनामा उत्तर प्रदेश में क्रिकेट की बदहाली और होनहार बच्चों का सपना तोड़ने वाला है।

भाई के करीबियों का वर्चस्व
आरोप है की यूपीसीए के जूनियर व सीनियर चयन समिति के चेयरमैन व सदस्यों ने अपने-अपने एजेन्ट तैयार कर रखे हैं जो हर जिले से खिलाड़ियों से बातचीत करके चयनकर्ताओं के पास भेजते हैं। चयनकर्ता भी शार्ट लिस्टेड खिलाडियों पर ही पूरा फोकस करते हैं और वह सूची भाई के पास भेज दी जाती है। भाई का प्रभुत्व संघ के भीतर इस कदर गहरा है कि उनका करीबी एक पूर्व रणजी विकेटकीपर खिलाड़ी बिना पद के भी धडल्ले से मैदान में चयनकर्ताओं के पास जाकर बैठ जाता है। यूपीसीए के एक सदस्य के मुताबिक भाई के एजेन्टों की लिस्ट में चमडे के व्यापार से जुडे लोग, मीडिया कमेटी से जुड़े लोग, पूर्व रणजी खिलाड़ी तक शामिल हैं। जबकि इनके अलावा कई नाम अभी भी पर्दे के पीछे ही हैं। अब उनको आगे लाने के लिए संघ के कुछ पदाधिकारियों का दल काम करेगा और इस पर रोकथाम लगाने का प्रयास करेगा।

बीसीसीआई के समक्ष रखा जाएगा मामला
इस मामले के लिए संघ के कुछ चुनिन्दा पदाधिकारी भाई की सभी कारगुजारी के दस्तावेज और शोषित और पीडित क्रिकेटरों को लेकर आगामी 13 दिसम्बर को नई दिल्ली के प्रेस क्लब आफ इन्डिया के सभागार में पत्रकार वार्ता करेंगे। इसके बाद वह मुम्बई जाकर 22 दिसम्बर को बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ भी वहां के पत्रकारों को इस बात से रूबरू करायेंगे। इस मामले की शिकायत होते ही सोशल मीडिया पर संघ के खिलाफ लोगों का आक्रोश पूरी तरह से फूट पडा है। लोगों ने बीसीसीआई समेत खेल मन्त्रालय और संघ के आलाकमान से प्रभुत्व वाले भाई के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। इस मामले में बात करने के लिए संघ का कोई भी पदाधिकारी फोन तक नही उठा रहा है।

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