- रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश की ओर से उतरेंगे यूपी के पूर्व खब्बू स्पिनर, ग्रीन पार्क में होगा भावनात्मक मुकाबला
भूपेंद्र, कानपुर, 14 अक्टूबर।
उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के बीच 15 से 18 अक्टूबर को रणजी ट्रॉफी का पहला मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच की खासियत यह होगी कि यूपी के पूर्व खब्बू स्पिनर सौरभ कुमार अब आंध्र प्रदेश की ओर से अपनी “पुरानी टीम” के खिलाफ उतरेंगे।
बागपत से ग्रीन पार्क तक का प्रेरक सफर
बागपत (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले सौरभ कुमार का क्रिकेटी सफर संघर्ष और समर्पण की कहानी है। शुरुआती दिनों में वे रोज़ाना 60 किमी की यात्रा कर अभ्यास करने जाते थे। उन्होंने भारतीय वायु सेना की नौकरी तक छोड़ दी ताकि उत्तर प्रदेश के लिए क्रिकेट खेल सकें।
भारत तक पहुंचा नाम, अब नई जिम्मेदारी
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर सौरभ को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम के स्क्वाड में शामिल किया गया था। अब वे अपने अनुभव से आंध्र टीम को मजबूती देने के लिए मैदान में उतरेंगे।
‘पुराने रंग’ के खिलाफ ‘नए मिशन’ की चुनौती
सौरभ के इस फैसले ने खेल जगत में चर्चा छेड़ दी है—क्या यह पेशेवर निर्णय है या राज्य से दूरी? विशेषज्ञों का मानना है कि पेशेवर क्रिकेट में ऐसे निर्णय करियर विकास का हिस्सा हैं, न कि वफादारी का सवाल।
रणजी के रण में दिल और दिमाग की टक्कर
आंध्र प्रदेश बोर्ड सौरभ के अनुभव को टीम की ताकत मान रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश टीम इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगी कि “अपने ही पूर्व खिलाड़ी” के खिलाफ खेलने से टीम का मनोबल प्रभावित न हो। कोचिंग स्टाफ को खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखना होगा ताकि फोकस प्रदर्शन पर रहे, भावनाओं पर नहीं।
स्पिन का असर, रणनीति की भूमिका
सौरभ कुमार की लेफ्ट-आर्म स्पिन और उपयोगी बल्लेबाजी आंध्र के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। टीम मैनेजमेंट उन्हें ऐसी पिच पर मौका दे सकता है, जहां स्पिन का प्रभाव अधिक हो।
सौरभ के लिए यह मुकाबला सिर्फ मैच नहीं, बल्कि करियर और पहचान दोनों की परीक्षा होगा। दर्शकों के लिए यह जंग यादगार रहेगी—जहां एक खिलाड़ी अपने पुराने मैदान पर, नई जर्सी में, नई कहानी लिखने उतरेगा।